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प्रेरणादायक कहानियां

शाह जी ने कई वर्षों से महाराज का कर नहीं चुकाया था | उसने ढोल की आवाज सुनी जो की विदाई वाले बजा रहे थे | उसने समझा की महाराज की फौज आ रही है | वह तुरंत ही चोर दरवाजे से भाग खड़ा हुआ | उसके साथ उसके घर वाले भी भाग गए | जब महाराज के घुड़सवार, हाथी, पालकी वाले आदि का जुलूस खेतों की ओर से निकला और पूछने पर पता चला -कि यह सब खूबचंद कहा है! तो वह बड़े ही प्रभावित हुए तथा महलों की ओर बढ़ गए | महल के द्वार पर लोमड़ी सब के स्वागत के लिए खड़ी थी | सुहागिनों ने सब की आरती उतारी | आठ दिन तक खुशियां मनाई गई | खूबचंद तथा राजकुमारी सुख से वहां रहने लगे |

लोमड़ी की सलाह से खूबचंद ने वहां की जिम्मेदारी संभाल ली |

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